Monday, March 29, 2010

जब तक लौट न आऊ मै..................

जब तक लौट न आऊ मै..................


छोड़ आई मै ,रूह को अपनी , पास तेरे
छोड़ आई मै, निंदिया अपनी, दर पे तेरे
तू रखना, रूह को मेरी सलामत
जब तक वापिस न आऊ मै !!!!
तू रखना, निंदिया को मेरी सलामत
जब तक लौट न आऊ मै !!!!
छोड़ आई मै, मुस्कान को अपनी, पास तेरे
छोड़ आई मै, बेफिक्री अपनी, दर पे तेरे
तू रखना, मुस्कान को मेरी सलामत
जब तक लौट न आऊ मै !!!!
तू रखना, बेफिक्री को मेरी सलामत
जब तक लौट न आऊ मै !!!!
छोड़ आई मै, कदमो को अपने , दर पर तेरे
छोड़ आई मै, सपनो को अपने, नैनों में तेरे
तू रखना, पहचान मेरी सलामत
जब तक लौट न आऊ मै !!!!
तू रखना, सपनो को मेरे सलामत
जब तक लौट न आऊ मै !!!!

मंजु चौधरी

2 comments:

संजय भास्‍कर said...

किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।

RAJENDER SONI Secy AICC OBC dpt.| Member PCC Rajasthan said...

आज फिर उनसे मिलने को दिल चाहता है,
पास बैठ कर बात करने को दिल चाहता है,
इतना हसीन था, उनके आंसू पोंछने का अंदाज़,
कि, आज फिर से रोने को दिल चाहता है...

आपके लिखने के अंदाज़ को हजार हजार सजदा...