Friday, July 10, 2009

नयनों की परिभाषा

नम हुई इन पलकों पर सपने तुम्हारे सजाये है !
शर्माती इन नजरों में चेहरा तुम्हारा छुपाया है !
झुकती इन आखो में हमने प्यार तुम्हारा छुपाया है !
बंद होती इन नजरों में हमने ख्वाब तुम्हारे सजाये है !
नयनों की इसी परिभाषा को मैंने जग से सारे छुपाया है !
मुस्कुराती इन आखो में मैंने शरारत तुम्हारी बसाई है !
नम हुई इन पलकों पर सपने तुम्हारे सजाये है !


मंजु चौधरी