जिन्दगी के साथ वक्त की तरह ,
हमसाया बन कर चलो तो सही !
नजर - नजर में मुलाकात है ,
उसे हकीकत में बदलो तो सही !
नहीं जुस्तजू तुम्हारी मै ,
पर एक बार चाहत बन कर देखो तो सही !
नहीं आरजू फलक के चाँद - तारो की ,
पर मुझ पर प्यार भरी निगहा डालो तो सही !
ये मन छोटा है सफ़र जिन्दगी का ,
दो कदम साथ चलो तो सही !
जानती हु मै रंगीनियों से दूर हो तुम ,
पर एक बार मुहबत करके देखो तो सही !
कसमे - वादे झूठे है सब तुम्हारे लिए ,
बस एक बार मेरा साथ निभाने का वायद करो
तो सही !
बस पहली और आखरी बार ,
यही इल्तजा है मेरी तुमसे ,
हमराही बन कर मेरे साथ चलो तो सही !
मंजु चौधरी
हमसाया बन कर चलो तो सही !
नजर - नजर में मुलाकात है ,
उसे हकीकत में बदलो तो सही !
नहीं जुस्तजू तुम्हारी मै ,
पर एक बार चाहत बन कर देखो तो सही !
नहीं आरजू फलक के चाँद - तारो की ,
पर मुझ पर प्यार भरी निगहा डालो तो सही !
ये मन छोटा है सफ़र जिन्दगी का ,
दो कदम साथ चलो तो सही !
जानती हु मै रंगीनियों से दूर हो तुम ,
पर एक बार मुहबत करके देखो तो सही !
कसमे - वादे झूठे है सब तुम्हारे लिए ,
बस एक बार मेरा साथ निभाने का वायद करो
तो सही !
बस पहली और आखरी बार ,
यही इल्तजा है मेरी तुमसे ,
हमराही बन कर मेरे साथ चलो तो सही !
मंजु चौधरी
3 comments:
bahut khoob Manju.
achchha laga aapke lines padh ke.
furshat ke palo mein kabhi mere blog pe aayeye to sahi :)
PS :- i came here from ur Toostep profile.
Thanks deep ji........
मंजू जी ,बार बार पढ़ी आपकी कविता आपका अंदाजे-सुखन पसंद आया..,
मेरी शुकामना,आप् और भी बेहतर लिखें ..
बेदिल है ये आशिक भी , माशूक से ज्यादा ,
दिल है तो जरुर उसमें,मोहाब्बत है किसी की .. मक्
फुरसत में मेरे म्युझिकल ब्लोग्स जरुर देखियेगा ..,
और youtube पर mastkaladr लिखिए वहां भी मैंने विडियो अपलोड किये है देखिए और अपने सुझाव अवश्य दें.. मक्
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