Samarpan
मै ख्याल हु तुम्हारा ,
मै हकीक़त हु तुम्हारी ,
देख लो छवि तुम अपनी ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै साया हु तुम्हारी ,
मै खवाब हु तुम्हारा ,
देख लो सच्चाई तुम अपनी ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै आरजू हु तुम्हारी ,
मै जिन्दगी हु तुम्हारी ,
देख लो सच्चाई तुम अपनी ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै खुशबू हु तुम्हारी ,
मै सादगी हु तुम्हारी ,
देख लो व्यक्तितव तुम अपना ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै बीता कल हु तुम्हारा ,
मै वर्तमान हु तुम्हारा ,
देख लो भविष तुम अपना ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै हकीक़त हु तुम्हारी ,
देख लो छवि तुम अपनी ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै साया हु तुम्हारी ,
मै खवाब हु तुम्हारा ,
देख लो सच्चाई तुम अपनी ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै आरजू हु तुम्हारी ,
मै जिन्दगी हु तुम्हारी ,
देख लो सच्चाई तुम अपनी ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै खुशबू हु तुम्हारी ,
मै सादगी हु तुम्हारी ,
देख लो व्यक्तितव तुम अपना ,
आईना मुझे अपना समझकर !
मै बीता कल हु तुम्हारा ,
मै वर्तमान हु तुम्हारा ,
देख लो भविष तुम अपना ,
आईना मुझे अपना समझकर !
2 comments:
सुन्दर कविता , बहुत पसंद आई.
Beautiful poem.
keep it up.
All the best
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