एक ऐसे दीये की लौ बन
अगर बनना है तुम्हे कुछ तो
एक ऐसे दीये की लौ बन ,
जो जलती है पल - पल
अँधियारा मिटने को
दूसरों के जीवन का !
अगर बनना है तुम्हे कुछ तो
एक ऐसे दीये की लौ बन ,
जो धधकती है पल - पल
लोगो के दिलों में
चिंगारी बन जाने को ,
जो कर दे सीना चलनी
दुश्मन के इरादों का !
अगर बनना है तुम्हे कुछ तो
एक ऐसे दीये की लौ बन
मंजु चौधरी
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